ambulancestrike 48 घंटे बाद भी नहीं माने एम्बुलेंस कर्मी...हड़ताल जारी, परिजन बोले, इमरजेंसी सेवा तो जारी रहे
जयपुर. राजधानी में आपातकालीन एंबुलेंस सेवा 108 व 104 के पहिए रविवार को भी थमे रहे। इससे मरीजों का दर्द बढ़ गया है। खासतौर पर दुर्घटना में घायल, गर्भवती और प्रसूताओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। परिजन उन्हें निजी वाहनों से अस्पताल लेकर जा रहे हैं। सवाईमानसिंह अस्पताल की इमरजेंसी व ट्रॉमा सेंटर में कई मरीज व घायलों को परिजन ई रिक्शा, ऑटो से लेकर आए। इस दौरान मरीजों के परिजन में काफी रोष देखने को मिला।
ये हाल...
एसएमएस मेडिकल कॉलेज के बाहर कई एम्बुलेंस एक कतार में खड़ी हैं और मरीजों को निजी वाहनों से लाया गया।
एम्बुलेंस कमियों का कहना था कि जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी तब तक हड़ताल जारी रहेगी।.
ये प्रमुख मांगें...
एंबुलेंस कर्मी ठेका प्रथा समाप्त करने और संविदाकर्मी कमेटी में शामिल करने की मांग कर रहे हैं। सुनवाई नहीं होने पर एंबुलेंस कर्मी एक सितंबर की रात को हड़ताल पर चले गए।
राजस्थान एम्बुलेंस कर्मचारी संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह ने बताया कि एम्बुलेंस कर्मियों की अनदेखी हो रही है। मांगों को लेकर सरकार जानबूझ कर अनजान बनी हुई है। रोजाना तीन हजार मरीजों को गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचाते हैं। मरीज व परिजन परेशान हो रहे हैं, लेकिन सरकार को कोई सरोकार नहीं है। प्रदेशभर में 700 से ज्यादा एम्बुलेंस के चक्के जाम है।
हसनपुरा से दुर्घटना में घायल छोटे भाई को ट्रॉमा सेंटर लेकर पहुंचे फारूख ने बताया कि कभी डॉक्टर तो कभी नर्सेज हड़ताल पर चले जाते हैं। पता नहीं जनता को क्यों परेशान कर रहे हैं। एम्बुलेंस नहीं पहुंचने पर घायल को अस्पताल लाने में देरी हो गई।
महिला चिकित्सालय में एक प्रसूता के परिजन ने बताया कि प्रसव के बाद छुट्टी मिल गई। अब घर ले जाने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। प्रसूता को 104 एम्बुलेंस से घर लेकर जाना था। टोल फ्री नंबर पर फोन किया तो कहा इंतजार करो... पिछले दो घंटे से राह देख रहे हैं, लेकिन अभी तक एंबुलेंस नहीं आई।
Note :न्यूज़ में दर्शया गया चित्र राजस्थान पत्रिका जयपुर संस्करण से लिया गया है